Stopping at a point does not always means that it is over for you, you are done/defeated.Even it sounds so negative. Well on the positive side I can say stoping at a point is always a
"PAUSE" in which you find a solution,prepare yourself to move further and get ready to fight more.
So whenever you stop in front of any problem always say to yourself "
I AM JUST TIRED NOT DEFEATED".
HARA NAHI BAS KUCH THAK SA GAYA HOON
हारा नहीं बस कुछ थक सा गया हूँ ।
बार बार ठोकर खा कर गिर रहा हूँ
रास्ता हैं मुश्किल किसी तरह चल रहा हूँ ।
हाँ रुका हूँ मैं अभी
पर ये सफ़र ख़तम नहीं हुई हैं ।
ऐ आसमां में बैठे चाँद
तू क्यों मेरे घावों को देख हँस रहा हैं
तू खुद दागों से भरा हैं ये क्यों भूल रहा हैं ।
हाँ मैं जल रहा हूँ तेरी तपिश में सूरज
पर तुझे क्यों सुकून मिल रहा है
मैं तो अभी जल रहा हूँ
तू तो हर वक़्त जलता है ये क्यों भूल रहा है।
ये ज़मी भी मेरे पैरो के नीचे पत्थर दे
ना जाने क्यों खुश हो रही हैं
भूल रही है जो मेरे पैरो के नीचे धूल सा हैं
वो हर वक़्त तेरे सिर पे बैठा है ।
हाँ इन सब चोटों से थोड़ा ठहर सा गया हूँ
पर मैं हारा नहीं बस कुछ थक सा गया हूँ।
ur writing skill is just wonderful....n the lines of this poem r really vry nice.. n the intro part is mast..
ReplyDeletethnx a lot :) ur appreciation means a lot.. :)ting
ReplyDeletefabulous.....though a lil brush up in language is required :)
ReplyDeletethnx :) n sure i'll work on it. really appreciate ur suggestion ..
Deletereally nice & thoughtful....
ReplyDeletethnx akash :) means a lot....
Deletenice work :)
ReplyDeletehmm imagination!!!! like it
ReplyDeletethnx :)
ReplyDeletenice lines
ReplyDelete(amit)
thnx
DeleteNIZE LINEZ....ankita
ReplyDeleteimpressive (renuka)
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