In short they just "do not know their path".
RAAH PATA NAHI
राह पता नहीं।
जाना है दूर पर राह का पता नहीं
जो रास्ता दुसरो ने बताया वो अब तक जँचा नहीं।
फिर भी बढ़ रहा हूँ उसी राह पर
क्यूंकि खुद की राह का कुछ पता नहीं।
इन राहों पर काटे बहुत हैं
इतनी मशक्कत करने की चाहत नहीं।
इस राह पर आखें भी बंद नहीं कर सकता
पर सोने की आदत अभी तक गयी नहीं।
मंजिल तो पता हैं मुझे
पर उसका फायदा क्या हैं?
और जिस राह पर चल रहा हूँ
उससे मुझे कोई आशा कहाँ हैं।
छोटे छोटे कदम बढ़ा कर बढ़ रहा हूँ
काँटों पे चलते चलते अब थोड़ा थक सा गया हूँ।
फिर भी बढ़ रहा हूँ उसी राह पर
क्यूंकि खुद की राह का कुछ पता नहीं।
by Mayank Kashyap
nic, but kind of repetation in regard to ur last update...but classy effort..cheers!!!
ReplyDeleterepetation??? actually i dont find any...bt ya may b cz its kinda same genre....bt thnx 4 ur appreciation n suggestion ..means a lot... :)
ReplyDeleteawesome lines...
ReplyDelete1st & Last stanzas, i liked the most...
thnx akash :) glad u lik it
Deleteomg its on me ..lol (amit)
ReplyDeletelol
Deleteawesome (renuka)
ReplyDeleteTHNX renuka :)
Deletei loved it :)
ReplyDeletethnx :)
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